Surah Fatiha in Hindi

Surah Fatiha in Hindi | Surah Fatiha With Hindi Translation

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Surah Fatiha in Hindi

सूरह फ़ातिया में अल्लाह पाक का ज़िक्र है , अल्लाह की तारीफ़ें हैं, उसकी रहमत और उस की बरकत के बारे में बताया गया है।

अगर किसी इंसान को अपनी कोई दुआ क़ुबूल करवानी हो वो अगर सुरह फ़ातिया 100 बार पढ़ कर दुआ माँगेगा, तो उसकी हर जाइज़ दुआ क़ुबूल होगी।

हुज़ूर मोहम्मद मुस्तफ़ा अल्ल्लाहु सल्ललाहु तआला अलैही व्सल्लम और फ़ारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु और हज़रत सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु जब नमाज़ पढ़ते थे, तो ” अलहम्दोलिल्लाहेरब्बिलआलमीन ” मतलब सूरह फ़ातिया से शुरू करते थे। ( यह मुस्लिम शरीफ़ और बुख़ारी शरीफ़ की हदीस है। )


सूरह फ़ातिहा के नाम

वाफ़िया, शाफ़िया, सूरतुस सलात, फा़तिहतुल क़ुरआन, उम्मुल किताब, सूरतुल सवाल, सूरतुल कन्ज़, काफि़या, फा़तिहा, फा़तिहतुल किताब, उम्मुल कु़रआन, शिफ़ा, सबए मसानी, नूर, रुकै़या, सूरतुल हम्द, सूरतुल दुआ़ तअलीमुल मसअला, सूरतुल मनाजात सूरतुल तफ़वीद।

Surah Fatiha में 7 आयत हैं, 27 कलिमें हैं और 144 लफ़्ज़ हैं।


Surah Fatiha in Hindi:-

अऊज़ो बिल्लाहे मिनश शैतानिर रजीम*बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम

( मैं यह काम अल्लाह का नाम ले कर शुरू करता हूँ, जो बहुत ज़ियादा मेहरबान है और रहम करने वाला है। )

अल्हम्दु लिल्लाहे रब्बिल आलमीन

( सारी तारीफ़ें अल्लाह के लिए हैं जो पूरी दुनिया का मालिक! )

अर्रहमान निर्रहीम

( अल्लाह पाक बहुत रहम करने वाला है! )

मालिके यौमिद्दीन

( अल्लाह इंसाफ़ करने वाला है! )

इय्याका नअबुदु वइय्याका नस्तईन

( इंसान को सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह की ही इबादत करनी चाहिए! अल्लाह के अलावा कोई नहीं है जो इंसान की मदद कर सके इंसान को अल्लाह से ही मदद माँगनी चाहिए। )

इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम

( हम को अच्छाई और दीन की राह पर चला। )

सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम गै़रिल मग़दूबे अलैहिम वलद दॉल्लीन

( यह रास्ता उन का है, जो अच्छाई और दीन की राह पर चलते हैं! न की यह रास्ता उनका है, जिन पर अल्लाह अज़ाब नाज़िल हुआ। )


सुरह फ़ातिहा की ख़ासियत | Surah Fatiha Benefits

Surah Fatiha की बहुत सी ख़ासियतें बहुत सी हदीसों में बताई गई हैं।

हुज़ूर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा अल्ल्लाहु सल्ललाहु तआला अलैही व्सल्लम ने ख़ुद फ़रमाया है, कि यह सूरत सिर्फ क़ुरान में ही उतारी गयी है, तौरात व इंजील व जु़बूर में इस जैसी सूरत नहीं उतरी।

एक दफ़ा हुज़ूर मोहम्मद मुस्तफ़ा अल्ल्लाहु सल्ललाहु तआला अलैही व्सल्लम की बारगाह में एक फ़रिश्ते ने आसमान से आकर सलाम अर्ज़ किया और दो ऐसी खुशियाँ सुनाई, जो उन से पहले कभी किसी नबी को नहीं सुनाई गई थी। वो दो खुशियाँ थी, एक सुरह फ़ातिया और दूसरी सुरह बकर की आख़री आयत।


Surah Fatiha in hindi ( विस्तार में ):

” रब्बिल आलमीन “

( मतलब पूरी दुनिया का मालिक)

रब्बिल आलमीन से इस बात की तरफ इशारा किया गया है, कि पूरी दुनिया मतलब ये ज़मीन ये, आसमान ये चाँद, सूरज, सितारे, हवा , पानी और हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी हर चीज़ अल्लाह ने बनाई है। और दुनिया की हर शह अल्लाह ही की मोहताज है।

अल्लाह पाक हमेशा से है और अमर है वो हमेशा रहेगा। ये जिंदगी और मौत बस इंसानों के लिए है। ख़ुदा हर चीज़ से पाक है।

” रब्बिल आलमीन ” यह इस चीज़ का इशारा है कि इंसान से अल्लाह पाक के रिश्ते की हर मंज़िल तय हो गई है।

मालिके यौमिद्दीन “

(मतलब अल्लाह पाक इंसाफ़ करने वाला है)

” मालिके यौमिद्दीन ” इन दो लफ़्ज़ों में यह साफ़ साफ़ बता दिया गया है, कि अल्लाह के सिवा कोई भी इबादत के लायक नहीं है।

इस चीज़ से यह समझ आता है, कि यह दुनिया और इंसान सिर्फ काम करने के लिए हैं और इस पूरी दुनिया का अंत होना तय है। जब ये दुनिया ख़त्म हो जाएगी, मतलब क़यामत के दिनों में से एक दिन हिसाब का दिन होगा।

इय्याका नअबुदु “

( मतलब है, कि इंसान को सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह की ही इबादत करनी चाहिए। )

यह फ़रमान इशारा करता है, कि अल्लाह पाक की ज़ात और अल्लाह पाक की ख़ूबयाँ जानने के बाद इंसान का यक़ीन इंसान के आमाल से बड़ कर है। और इंसान की इबादत तब ही क़ुबूल की जाएगी, जब उसकी नियत साफ़ होगी और यक़ीन मज़बूत होगा।

वइय्याका नस्तईन “

( अल्लाह के अलावा कोई नहीं है जो इंसान की मदद कर सके इंसान को अल्लाह से ही मदद माँगनी चाहिए। )

” वइय्याका नस्तईन ” इन लफ़्ज़ों से यह पता चलता है, कि इंसान को सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह से ही मदद मँगनी चाहिए। अगर कोई इंसान किसी की मदद का ज़रिया बनता है तो वह भी अल्लाह की ही मसलिहत होती है। अल्लाह के सिया कोई भी ऐसा ज़रिया नहीं है जो किसी की मदद कर सके। इंसान को अपने ख़ुदा से ही मदद माँगनी चाहिए।

नॉट:- लेकिन इस बात का यह मतलब निकालना, कि नबियों और वलियों से मदद की उम्मीद रखना शिर्क है। ऐसा सोचना ग़लत है, क्योंकि जो अल्लाह के क़रीबी और ख़ास बंदे हैं। उन की मदद दरअसल अल्लाह की मदद है। अगर इस आयत का मतलब वो होता जो वहाबी समझते हैं या समझाते हैं, तो क़ुरान पाक में ” अईनूनी बि क़ुव्वतिन ” और ” इस्तईनू बिस सब्रे वसल्लाह ” क्यों आता, और बाक़ी हदीसों में भी अल्लाह वालों से मदद माँगने के लिए क्यों कहा जाता।

” इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम “

( मतलब है, कि यह रास्ता उनका है, जो अच्छाई और दीन की राह पर चलते हैं। )

” इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम ” इन लफ़्ज़ों का इशारा इस तरफ़ है, कि अल्लाह की ज़ात अल्लाह की खूबियाँ और अल्लाह की इबादत के बाद हमें बताया गया है, कि अल्लाह पाक से दुआ भी माँगनी चाहिए। बहुत सी हदीसों में भी इस बात का ज़िक्र है, कि इंसान को नमाज़ पढ़ने के बाद दुआ माँगनी चाहिए।

सिराते मुस्तक़ीम से मुराद दीन ए इस्लाम या क़ुरआन या हुज़ूर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा अल्ल्लाहु सल्ललाहु तआला अलैही व्सल्लम के रहने का तरीक़ा या हुज़ूर के घर वालों और साथियों से है। और इस बात से यह भी साबित होता है, कि सिराते मुस्तक़ीम मतलब सीधे रास्ते पर चलना अहले सुन्नत का तरीक़ा है।

सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम “

( मतलब यह उनका रास्ता है, जिन पर तेरा एहसान है। )

” सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहि ” यह जुमला पहले वाले वाकये को और भी पुख़्ता तरीके से साबित करता है, कि सिराते मुस्तक़ीम से मतलब है, अहले सुन्नत का तरीक़ा।

और इस से यह भी समझ आता है कि जिन चीज़ों पर बुज़ुर्गों ने अमल किया वो चीज़ें ही सही रास्ते की तारीफ़ में आती हैं।

” गै़रिल मग़दूबे अलैहिम वलद दॉल्लीन

( मतलब है, कि न की यह रास्ता उनका है, जिन पर तेरा अज़ाब नाज़िल हुआ। )

इस में हमें यह सिखाया गया है, कि जो हमेशा अच्छाई की राह पर चलते हैं और सच्चाई की तलाश में रहते हैं। उन्हें अल्लाह पाक के दुश्मनों से दूरी बना कर रखनी चाहिए। और अल्लाह पाक के दुश्मनों के रास्ते से और , रहने सहने के तरीके से भी परहेज़ करना ज़रूरी है।

जब सूरह फ़ातिया ख़त्म होती है, तो हम ” आमीन ” कहते हैं। इसका मतलब होता है, कि या अल्लाह हमारी दु आओं को क़ुबूल फ़रमा। सूरह फ़ातिया के आख़िर में आमीन कहना सुन्नत है।

साथ ही हज़रत इमाम-ए-आज़म ने यह भी हिदायत करी है, कि नमाज़ में आमीन हल्की आवाज़ में कहा जाना चाहिए।

नोट: ये क़ुरआन शरीफ का शब्द नहीं है।


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Conclusion:

इस आर्टिकल में हम ने बात करी की सूरह फ़ातिया का मतलब हिंदी में क्या होता है । हम ने अलग-अलग तरीको से वीस्तार में समझा की Surah Fatiha In Hindi. हम उम्मीद करते हैं, आप को हमारी यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के शेयर जरूर करिए। शुक्रिया।

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