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भाषा किसे कहते हैं – Bhasha kise kahate hain
यह बात तो आज हर बच्चा-बच्चा जानता है, कि प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उनके भाषा से होती है | हर एक व्यक्ति जो भाषा बोलता है, वे इस बात को दर्शाता है, कि वह कौन से जाती का है या वह किस जगह से आया है। इन सारी बातों की जानकारी भाषा के द्वारा ही पता चल पाती है।
भाषा, व्यक्ति के पीछे का इतिहास बयान करता है। हमारे जीवन में भाषा का महत्व बहुत अहम है। लेकिन क्या आप जानते हैं, की अखिर भाषा का मतलब क्या होता है, इसके कितने भेद हैं, आदि |
आज के इस लेख में हम आपको यह बताने वाले हैं, की अखिर भाषा किसे कहते हैं – Bhasha kise kahate hain , भाषा कितने प्रकार होते हैं। ताकि वे तमाम लोग जिन्हें भाषा के बारे में ज्ञान नहीं है, उन्हें इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
भाषा किसे कहते हैं – Bhasha kise kahate hain
भाषा एक ऐसी प्रणाली है, जिसके जरिए प्रत्येक व्यक्ति अपनी भावनाएं प्रकट करता है | भाषा की वजह से ही यह पता चल पाता है, कि सामने वाला व्यक्ति गुस्से में है या खुशी में, आज्ञाकारी है या नहीं |
भाषा के वजह से यह ज्ञान होता है, कि प्रत्येक व्यक्ति का बर्ताव एक दूसरे से काफी भिन्न है | जब भी किसी को अपना गुस्सा जाहिर करना है या खुशी व्यक्त करनी होती है, तो वह भाषा का इस्तेमाल करता है |
जैसे :-
- जब मैं आश्चर्य होता है, तो वह अपनी मोहे उठाता है |
- जब कोई दृढ़ संकल्प लेता है, तो अपनी मुट्ठी बंद करता है |
- खुद के विरुद्ध किसी गलत बात को जाहिर करने के लिए गुस्सा व्यक्त करता है |
यह सभी प्रकार भाषा का ही रूप है |
जरूरी नहीं जो बोला जाए, वही भाषा होता है, क्योंकि भाषा केवल शब्द और वाक्य तक ही सीमित नहीं है | भाषा फैली हुई है, कि वह हर प्रत्येक वस्तु, जिसकी सहायता से हम किसी दूसरे व्यक्ति या खुद से बात करते हैं | यानी अपने अनुभव, एहसास, भावनाएं, उम्मीदें, किसी को व्यक्त करते हैं, वह सभी भाषा के अंतर्गत ही आता है |
भाषा को लेकर कई तरह के राय और परिभाषाएं आपको मिल सकती हैं | बड़े-बड़े विद्वान और दार्शनिक भाषा के संबंध में अलग-अलग विचार स्पष्ट करते हैं |
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भाषा के कितने भेद हैं – Bhasa Ke Bhed In Hindi
भाषा के मुख्यतः 3 भेद होते हैं :-
1 . मौखिक भाषा
2 . लिखित भाषा
3 . सांकेतिक भाषा
1. मौखिक भाषा किसे कहते है ?
मौखिक भाषा उसे कहा जाता है, जिसमें हम अपने मन और दिमाग की सभी बातों को किसी दूसरे व्यक्ति को बोलकर व्यक्त करते हैं |
यानी की भाषा के इस रूप में व्यक्ति अपनी बात को बोल कर बताता है, ताकि सामने वाले को अच्छी तरह से समझ में आ सके |
जैसे कि:- क्रिकेट मैच के दौरान स्पीकर के द्वारा लोगों को खेल की सभी गतिविधियों के बारे में बोल कर बताया जाता है, या कह सकते हैं, कि जब हम किसी से मोबाइल फोन के द्वारा संपर्क में आते हैं, तो हम हमेशा एक दूसरे को बोल कर अपनी बात व्यक्त करते हैं, इसे ही मौखिक भाषा कहते हैं|
2. लिखित भाषा किसे कहते हैं ?
लिखित भाषा उसे कहा जाता है, जब हम अपने विचारों और भावनाओं को लिखकर किसी अन्य व्यक्ति को बताते हैं |
लिखित भाषा का सबसे अच्छा उदाहरण पुराने जमाने में लिखा जाने वाला पत्र है, जिसमें लोग अपनी बातों और विचारों को कागज पर लिखकर व्यक्त करते थे |
पुराने जमाने में लोग पत्र लिखकर ही अपने भावनाओं और मनोदशा को व्यक्त करते थे और सामने वाला व्यक्ति भी पत्र पढ़कर लिखने वाले व्यक्ति की मनोदशा व भावनाओं को समझ सकता था, यही लिखित भाषा का रूप है | आज भी लिखित भाषा के बहुत से उदाहरण हमारे आसपास है, जैसे:- अखबार, किताबे, इत्यादि|
3. संकेतिक भाषा किसे कहते है ?
सांकेतिक भाषा जिसके अंतर्गत लोग अपनी बात को विचारों के द्वारा व्यक्त करते हैं| खासकर वह लोग जो मूक-बधिर होते हैं, वह अपने बातों को सामने वाले तक व्यक्त करने के लिए संकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं |
वह अपनी बातों को इशारों के द्वारा, सामने वाले को समझाने की कोशिश करते हैं और सामने वाला उनके इशारों से उस व्यक्ति की मनोदशा, भावना को समझ लेता है |
इसका सबसे अच्छा उदाहरण चौराहे पर खड़े ट्राफिक पुलिस का हो सकता है, वह अपने हाथ के इशारे से पूरे ट्रैफिक को कंट्रोल कर लेता है।
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निष्कर्ष:
मुझे उम्मीद है, कि भाषा किसे कहते हैं – Bhasha Kise Kahate Hain और भाषा के भेद क्या है ? आपको अच्छी तरह से समझ आ गया होगा |
लेकिन इसके अलावा यदि आपको अभी भी Bhasha Kise Kahate Hain से संबंधित कोई सवाल पूछने हैं, तो कमेंट करके पूछ सकते हैं और साथ ही यदि आपको यह लेख फायदेमंद लगा है, तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाषा के बारे में ज्ञान प्राप्त हो सके |