Sandhi Kise Kahate Hain

संधि किसे कहते हैं, संधि के भेद | Sandhi Kise Kahate Hain

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Sandhi Kise Kahate Hain : संधि हिंदी व्याकरण का मुख्य भाग होता है। ” संधि ” शब्द संस्कृत से आया है। इसका अर्थ होता है – ” मेल “। इसे वर्ण विचार के अंतर्गत पढ़ा जा सकता है और बहुत सारी परीक्षाओं में संधि से संबंधित सवाल भी पूछे जाते हैं। इसलिए आज हम जानेंगे – ” संधि किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ” ?

संधि किसे कहते हैं | Sandhi Kise Kahate Hain

Sandhi Kise Kahate Hain : जब दो या दो से अधिक वर्णों का मिलन समीपता के चलते होता है, तब उनमें कोई ना कोई विकार उत्पन्न होता है या कहे परिवर्तन होता है, इसी परिवर्तन या विकार को हम संधि कहते हैं।

अगर हम सरल शब्दों में Sandhi Ki Paribhasha जाने तो – दो निर्दिष्ट अक्षरों के आस पास आने के कारण उनके मेल से जो विकार होता है, उसे संधि कहते हैं।



संधि के कुछ उदाहरण इस प्रकार से हैं :-

  1. तथास्तु = तथा + अस्तु
  2. पदोन्नति = पद + उन्नति
  3. सर्वोच्च = सर्व + उच्च
  4. चिरायु = चीर + आयु
  5. समानांतर = समान + अंतर
  6. प्रत्येक = प्रति + एक

संधि के कितने भेद होते हैं ? | Sandhi Ke Bhed 

संधि के तीन भेद होते हैं।

  • स्वर संधि
  • व्यंजन संधि
  • विसग संधि

1. स्वर संधि:- जब दो स्वर आपस में जोड़ते हैं, उसमें जो परिवर्तन आता है, तो वह स्वर संधि कहलाती है।

उदाहरण के लिए:-

  1. विद्यालय : विद्या + आलय
  2. पर्यावरण : परी + आवरण
  3. मुनींद्र : मुनि + इंद्र
  4. महात्मा : महा + आत्मा

स्वर संधि के भेद :-

स्वर संधि के पांच उपभेद होते है:-

  • दीर्घ संधि
  • गुण संधि
  • वृद्धि संधि
  • यण संधि
  • अयादि संधि

अब हम संधि के दूसरे भेद व्यंजन संधि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

2. व्यंजन संधि :- जब व्यंजन को व्यंजन या स्वर के साथ मिलाने से जो परिवर्तन होता है, उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण के लिए:-

  1. जगत + नाथ = जगन्नाथ
  2. सत + जन = सज्जन
  3. उत + हार = उद्धार
  4. सत + धर्म =  सब धर्म
  5. आ + छदन = आच्छादन
  6. दिक + अम्बर = दिगंबर
  7. अभी + सेक = अभिषेक
  8. जगत + ईश = जगदीश

स्वर और व्यंजन संधि के बाद अब हम संधि के तीसरे भेद यानी ” विसर्ग संधि ” के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

3. विसर्ग संधि :- जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे हम विसर्ग संधि कहते हैं।

उदाहरण के लिए:-

  1. अंत : + करण = अन्तकरण
  2. अंत: + गत = अंतर्गत
  3. अंत: + ध्यान = अंतर्ध्यान
  4. अंत: + राष्टीय = अंतरराष्ट्रीय


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अंतिम विचार:

आज हमने आपको संधि पर अपनी तरफ से पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है, जैसे कि :- Sandhi Kise Kahate Hain, Sandhi Ke Bhed, Sandhi Ki Paribhasha.

अगर आपको यह लेख पसंद आए, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

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